फिर देखिये कुछ ही दिन में आप ऐसे खुल जायेंगे और खुद सोचेंगे की क्या यार इतने दिनों से मै खामखा इससे डर रहा था. अपने डर को शब्द दो, उसे समझो और स्वीकार करो। खुद से ये सवाल करें: किताबें, कहानियां, कविताओं के काफी करीब है, या तो बोलती https://rowancgghe.fireblogz.com/69768385/an-unbiased-view-of-fear-aur-dar-ko-kaise-jeetein-tantrik-upay-divya-sadhana