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तन्हाई में खोया, अकेला हूँ मैं | Judai Aur Tanhai Ki Dastaan | Sad Ghazal | दर्द भरी ग़ज़ल

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चाँद पागल है अँधेरे में निकल पड़ता है…” तन्हाई की रातों में, दर्द की गहराइयों में खो जाता हूँ, तन्हाई में बैठूं तो इल्ज़ाम-ए-मुहब्बत। राहत इंदौरी की शायरी पढ़कर युवाओं में उर्दू साहित्य को लेकर एक समझ पैदा होगी, जो उन्हें उर्दू साहित्य की खूबसूरती से रूबरू कराएगी, जो इस https://youtu.be/Lug0ffByUck

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