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Considerations To Know About Shiv Chalisa

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कीन्ही दया तहं करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥ अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥ प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं। जलधि लांघि गये अचरज नाहीं।। अर्थ- हे प्रभु जब क्षीर सागर के मंथन में विष से भरा घड़ा निकला तो समस्त देवता व दैत्य भय से कांपने लगे आपने ही https://finnqyfas.magicianwiki.com/827781/5_simple_techniques_for_shiv_chalisa_in_gujarati_lyrics

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