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The Fact About shiv chalisa lyrics aarti That No One Is Suggesting

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आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥ सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥ धन निर्धन को देत सदाहीं । जो कोई जांचे वो फल पाहीं ॥ थोड़ा जल स्वयं पी लें और मिश्री प्रसाद के रूप में बांट दें। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई ॥ https://shivchalisas.com

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